होली पर निबंध
होली पर निबंध
होली भारत का एक प्रमुख त्यौहार है, जिसे रंगों का पर्व भी कहा जाता है। यह त्यौहार फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। होली सद्भावना, प्रेम और आनंद का प्रतीक है। इस दिन लोग रंग, गुलाल और पानी से खेलते हैं और मिठाइयाँ बाँटते हैं।
होली का महत्त्व
होली केवल रंगों का ही नहीं, बल्कि अच्छाई की बुराई पर विजय का भी प्रतीक है। यह त्यौहार हमें आपसी प्रेम, भाईचारे और सद्भावना का संदेश देता है।
होली मनाने की परंपरा
होली का त्यौहार दो दिन मनाया जाता है:
1. पहला दिन – होलिका दहन
इस दिन लकड़ियों और उपलों से होलिका दहन किया जाता है।
यह पौराणिक कथा से जुड़ा हुआ है, जिसमें भगवान विष्णु के भक्त प्रह्लाद की रक्षा हुई और होलिका का अंत हुआ।
यह हमें सिखाता है कि सत्य और भक्ति की हमेशा जीत होती है।
2. दूसरा दिन – रंगों की होली
इसे धूलिवंदन या रंगवाली होली भी कहते हैं।
इस दिन लोग एक-दूसरे को गुलाल और रंग लगाते हैं, पानी के गुब्बारे फेंकते हैं और पिचकारी से रंगों की बौछार करते हैं।
लोग ढोल-नगाड़ों के साथ नाचते-गाते हैं और मिठाइयाँ बाँटते हैं।
होली पर विशेष व्यंजन
होली पर विशेष रूप से गुजिया, मालपुआ, दही बड़े और ठंडाई बनाई जाती है। इन स्वादिष्ट व्यंजनों के बिना होली अधूरी लगती है।
होली का संदेश
होली हमें प्रेम, भाईचारे और सौहार्द का संदेश देती है।
यह त्यौहार पुरानी दुश्मनी भूलकर नए रिश्ते बनाने का अवसर देता है।
हमें प्राकृतिक रंगों का उपयोग करना चाहिए और पानी की बर्बादी से बचना चाहिए।
उपसंहार
होली का त्यौहार खुशियों, मस्ती और मेल-मिलाप का प्रतीक है। यह हमें सिखाता है कि जिंदगी रंगों की तरह खूबसूरत होनी चाहिए। हमें इस पर्व को सुरक्षित, हर्षोल्लास और पर्यावरण के प्रति जागरूक होकर मनाना चाहिए।
"बुराई को जला
ओ, अच्छाई के रंग लगाओ! होली की हार्दिक शुभकामनाएँ!"
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