फूलों से होली के रंग कैसे बनते हैं?
फूलों से होली के रंग कैसे बनते हैं? – एक मज़ेदार कहानी
बच्चों, तुमने देखा होगा कि होली पर अलग-अलग रंग होते हैं – लाल, पीला, हरा, नीला! लेकिन क्या तुम जानते हो कि फूलों से भी रंग बनाए जा सकते हैं? पहले ज़माने में लोग प्राकृतिक रंग ही बनाते थे, जो सुरक्षित और हर्बल होते थे। चलो, जानते हैं कि फूलों से होली के रंग कैसे बनते हैं!
1. कौन से फूल कौन सा रंग देते हैं?
लाल रंग – गुड़हल (Hibiscus) और टेसू (Palash) के फूल।
पीला रंग – गेंदे (Marigold) के फूल और हल्दी।
हरा रंग – नीम, धनिया या पालक (Spinach) के पत्ते।
नीला रंग – ब्लू हिबिस्कस या जामुन के फूल।
गुलाबी रंग – गुलाब (Rose) और चुकंदर (Beetroot)।
2. फूलों से गुलाल कैसे बनाएं?
1. फूलों को तोड़कर सुखा लें – जब तक वे पूरी तरह सूख न जाएं।
2. फूलों को मिक्सी या सिलबट्टे पर पीस लें – ताकि पाउडर बन जाए।
3. थोड़ा अरारोट पाउडर या मैदा मिलाएं – जिससे रंग और स्मूद हो जाए।
4. तैयार है प्राकृतिक गुलाल!
3. फूलों से पानी के रंग कैसे बनाएं?
1. एक बड़ी कड़ाही (पतीली) लें और उसमें फूल डाल दें।
2. फूलों को रातभर पानी में भिगोकर रखें।
3. सुबह इस पानी को उबालें – जिससे रंग और गहरा हो जाए।
4. जब पानी ठंडा हो जाए, तो इसे पिचकारी में भरें और मस्ती करें!
4. फूलों से रंग बनाने के फायदे
✅ स्किन-फ्रेंडली – बिल्कुल सुरक्षित, कोई जलन नहीं!
✅ पर्यावरण के लिए अच्छा – प्रकृति को कोई नुकसान नहीं!
✅ आसानी से साफ हो जाते हैं – बिना किसी दिक्कत के होली की पूरी मस्ती!
5. होली को खास बनाएं!
अगली होली, बाजार के केमिकल वाले रंग मत लो। घर पर फूलों से अपने खुद के रंग बनाओ और ईको-फ्रेंडली होली म
नाओ!
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